Raipur-भारतीय ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा है मनी लॉन्ड्रिंग - डिजिटल इंडिया फाउंडेशन

 भारतीय ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा है मनी लॉन्ड्रिंग - डिजिटल इंडिया फाउंडेशन

- अवैध गैंबलिंग और सट्टेबाजी का बाजार सालाना 100 अरब डॉलर के बराबर -

तेजी से बढ़ता भारतीय ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर मनी लॉन्ड्रिंग के कारण बड़े खतरे का सामना कर रहा है। इसलिए इस सेक्टर की सफलता सुनिश्चित करने और भारत की डिजिटल इकोनॉमी की रक्षा करने के लिए तत्काल एवं निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की तरफ से आज जारी की गई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (डीआईएफ) एक गैर लाभकारी थिंक टैंक है, जो डिजिटल समावेश और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में उठाए जाने वाले जरूरी कदमों में अवैध ऑपरेटर्स के लिए एक समर्पित टास्क फोर्स का गठन और वैध ऑपरेटर्स की सूची जारी करने जैसे कदम शामिल हैं। इसके अलावा भ्रामक विज्ञापनों पर नियंत्रण, वित्तीय अखंडता के सिद्धांतों को अपनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जैसे कदम भी जरूरी हैं।

‘ऑनलाइन गेमिंग इकोसिस्टम में मनी लॉन्ड्रिंग से मुकाबला’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में विशेषज्ञों, हितधारकों, उच्च सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और गेमिंग, सार्वजनिक नीति, साइबर सुरक्षा व जांच एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विशेषज्ञों से गहन विमर्श किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का तेजी से बढ़ता हुआ रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) सेक्टर वित्त वर्ष 2022-23 में 28 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में सामने आया है और अगले पांच साल में इसका राजस्व 7.5 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है। लाखों गेमर्स की गेमिंग कम्युनिटी इस विकास को बढ़ावा दे रही है, साथ ही इससे सहयोगी सेक्टर्स जैसे फिनटेक, क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी में रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में किए गए व्यापक शोध एवं परामर्श से सामने आया है कि इस सेक्टर में फाइनेंशियल इंटेग्रिटी, साइबर सिक्योरिटी और यूजर प्रोटेक्शन जैसी कई चुनौतियां भी हैं, जो इसके विकास को प्रभावित कर सकती हैं। इन चुनौतियों की गंभीरता को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि भारत में अवैध सट्टेबाजी में हर साल 100 अरब डॉलर का डिपोजिट आता है।
डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख एवं सह-संस्थापक अरविंद गुप्ता के अनुसार - ‘विकास की तेज दर, सरकार के राजस्व में उल्लेखनीय योगदान और लाखों यूजर्स को देखते हुए जरूरी है कि इस तेजी से उभरते उद्योग को प्रभावित करने वाली मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ तत्काल कदम उठाए जाएं।

अवैध ऑपरेटर्स पर लगाम लगाने के लिए मौजूदा नियामकीय प्रयासों के बावजूद कई प्लेटफॉर्म मिरर साइट्स, अवैध ब्रांडिंग और भ्रामक वादों के दम पर नियामकीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं। यह स्थिति दिखाती है कि मजबूत निगरानी और प्रवर्तन की आवश्यकता है। 400 से ज्यादा घरेलू स्टार्ट अप्स और रोजाना 10 करोड़ ऑनलाइन गेमर्स, जिनमें से 9 करोड़ लोग खेलने के लिए पैसा भी देते हैं, के साथ यह सेक्टर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। 2025 तक इस सेक्टर में 2,50,000 रोजगार के अवसर सृजित होने का अनुमान है। यह रिपोर्ट आगे कदम बढ़ाने के लिहाज से एकदम सही समय पर आई है।’