नर्सों और दाइयों की स्थिति को मजबूत करने के लिए 5-सूत्रीय एजेंडा
केंद्र एवं राज्यों के नर्सिंग निदेशालय द्वारा भारत में 43 लाख नर्सों की कमी का तत्काल समाधान किए जाने की जरूरत
विशेषज्ञों ने नए वैरिएंट एवं मौजूदा महामारी की एक और लहर की आशंका को देखते हुए सामने आने वाले स्वास्थ्य संकट से बचने के लिए भारत में मजबूत नर्सिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पर दिया जोर
थिंक चेंज फोरम ने भारत में नर्सों और दाइयों की स्थिति को मजबूत करने के लिए 5-सूत्रीय एजेंडा का रखा प्रस्ताव
1. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य सभा 2021 में पारित स्ट्रेटजिक डायरेक्टशन ऑफ नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (एसडीएनएम) 2021-2025 में उल्लिखित डब्ल्यूएचओ के मानदंडों का तत्काल अनुपालन हो और नर्सिंग शिक्षा, पदों व नेतृत्व के विकास में निवेश पर फोकस किया जाए।
2. केंद्र और राज्य स्तर पर नर्सिंग में नेतृत्व के स्वीकृत पदों को तुरंत भरा जाए और विभिन्न राज्यों के निदेशालयों में अतिरिक्त नर्सिंग पद सृजित किए जाएं ।
3. भारत सरकार द्वारा नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन (एनएमएमसी) बिल को जल्द पारित कराया जाए और इंडिया नर्सिंग काउंसिल एक्ट 1947 को निरस्त किया जाए ।
4. नर्स रजिस्ट्रेशन एंड ट्रैकिंग सिस्टम (एनआरटीएस) की जगह लाइव रजिस्टर को लागू किया जाए ।
5. नर्सिंग और मिडवाइफरी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निवेश बढ़ाएं क्योंकि सरकारी संस्थानों की कम संख्या के कारण पाठ्यक्रमों तक लोगों पहुंच बहुत सीमित है ।
मौजूदा महामारी के संदर्भ में और दुनियाभर में अभी एक और लहर के डर को देखते हुए 'थिंक चेंज फोरम' (टीसीएफ)ने नर्सिंग क्षेत्र से जुड़े मुद्दों का विश्लेषण करने के लिए देशभर के नर्सिंग और मिडवाइफरी विशेषज्ञों के बीच परिचर्चा का आयोजन किया। 'क्या भारत का नर्सिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एक और लहर के लिए तैयार है' विषय पर हुई चर्चा में नर्सिंग निकायों, संस्थानों और शिक्षाविदों, अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों और नर्सिंग चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। टीसीएफ एक थिंक टैंक है जो कोविड काल में महत्वपूर्ण मसलों पर समाधान तलाशने को समर्पित है।
विचार-विमर्श के आधार पर, थिंक चेंज फोरम ने भारत में नर्सों और दाइयों की स्थिति को तुरंत सुधारने के लिए '5-सूत्रीय सिफारिशें' जारी की हैं।